*गुजरात। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर कुछ आदिवासी क्रिएटरों द्वारा बनाए जा रहे कॉमेडी और रस्टिंग वीडियो को लेकर आदिवासी समाज में गहरी नाराज़गी देखने को मिल रही है। इन वीडियो में अपशब्दों और गालियों का प्रयोग कर समाज की संस्कृति और छवि को नुकसान पहुँचाया जा रहा है।*

गुजरात। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर कुछ आदिवासी क्रिएटरों द्वारा बनाए जा रहे कॉमेडी और रस्टिंग वीडियो को लेकर आदिवासी समाज में गहरी नाराज़गी देखने को मिल रही है। इन वीडियो में अपशब्दों और गालियों का प्रयोग कर समाज की संस्कृति और छवि को नुकसान पहुँचाया जा रहा है।
आदिवासी परिवार मजदूर संगठन (A.P.M.S) ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि ऐसे वीडियो न केवल आदिवासी समाज की मर्यादा को ठेस पहुँचाते हैं, बल्कि युवा पीढ़ी पर भी गलत असर डाल रहे हैं। संगठन ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे क्रिएटरों पर कड़ी कार्यवाही की जाए और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सामग्री पर रोक लगाई जाए।
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि आदिवासी समाज मेहनतकश और संस्कारी समाज है, जिसे कुछ लोग मनोरंजन के नाम पर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सभी आदिवासी युवाओं से अपील की है कि वे अपनी कला और संस्कृति को सकारात्मक दिशा में प्रस्तुत करें ताकि समाज की पहचान और मजबूत बने।
> “हम हंसी-मज़ाक के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन समाज का अपमान किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
– आदिवासी परिवार मजदूर संगठन