Uncategorized

थांदला संसारी विनय से सबका प्रिय बन जाता है – निखिलशीलाजी

रियाज मोहम्मद खान मध्य प्रदेश

  • थांदला संसारी विनय से सबका प्रिय बन जाता है – निखिलशीलाजी

पक्खी पर्व पर बरमेचा परिवार ने करवाये सामूहिक पारणें

थांदला। जिन शासन गौरव जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी की जन्मस्थली थांदला में उनके प्रथम शिष्य आगम विशारद बुद्धपुत्र प्रवर्तक देव श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती वरिष्ठ साध्वी पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा., पूज्या श्री दिव्यशीलाजी माताजी म.सा. आदि ठाणा – 4 का चातुर्मास गतिमान है उनके सानिध्य में तप संयम के ठाठ लगे हुए है जिनमें करीब 80 श्रावक श्राविकाओं सहित बच्चें धर्मचक्र की सामूहिक आराधना कर रहे है वही विभिन्न पर्वों पर भी सामूहिक आराधना का माहौल बन रहा है। थांदला पक्खी मण्डल के आह्वान पर संघ में 75 के करीब उपवास तप की आराधना हुई जिनके सामूहिक पारणें वर्षीतप आराधकों के साथ व्यापारी राजेश कुमार द्वारा अपने जन्मदिन को सार्थक करते हुए व छोटे भाई निलेश कुमार शांतिलाल बरमेचा परिवार ने करवाते हुए तप अनुमोदना का लाभ लिया। इस अवसर पर धर्म प्रवचन में सभा को सम्बोधित करते हुए पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा. ने वीर प्रभु महावीर वाणी के अंतिम सन्देश उत्तराध्ययन के 29 वें अध्ययन सम्यक्त्त्व पराक्रम के चौथे बोल गुरु व साधर्मी की सेवा सुषुश्रा से जीव किस फल को प्राप्त करता है के भावों पर विस्तृत विवेचना करते हुए कहा कि जीव गुरु साधर्मी की सुषुश्रा से विनय धर्म को प्राप्त होता है। पूज्याश्री ने विनय की महिमा बताते हुए कहा कि जीव में जब विनय आ जाता है तो वह धर्म को उपलब्ध हो जाता है। संसार में भी विनयवान जीव सबको प्रिय लगता है व उसकी उन्नति होती है फिर लोकोत्तर धर्म में विनय से जीव को शुभ गति प्राप्त हो तो इसमें कोई आश्चर्य नही है। पूज्याश्री ने कहा आज व्यक्ति अपनी बात सिद्ध करने भगवान तक कि कसमें खा जाता है जिससे वह कही न कही प्रभु की आशातना कर देता है वैसे ही जीवन व्यवहार में भी अनेक अवसर पर कभी छोटे बड़ो की तो बड़े छोटो की अशातना कर देते है जिसके दुष्परिणाम स्वरूप हम भव भव में भटकने को मजबूर हो जाते है इसके कुफल स्वरूप नरक में घोर वेदना, तिर्यंच में परवशता, मनुष्य में भय तो देवलोक में ईर्ष्या लोभ से दुःख ही पाते है जबकि विनय के आ जाने से आशातना से बच सकता है यही कारण है कि विनय को धर्म कहा है। जीव विनय धर्म को पाकर प्रभु भक्ति व बहुमान से जुड़कर सद्गति प्राप्त करता है। धर्म सभा में पूज्या श्री प्रियशीलाजी म.सा. ने जमालि चरित्र फरमाते हुए कहा कि जीव जमालि की तरह जिनवाणी का रसपान कर अपने भव को सुधार सकता है। जमालि ने भगवान से वाणी सुनकर अपने माता-पिता से संसार से विरक्त होने की इच्छा जाहिर की तब माता-पिता के संयम के दुखों पर अपनी दृढ़ वैराग्य प्रदर्शित करते हुए जमालि ने कहा कि संसार में जन्म, जरा, रोग व मृत्यु रूप दुःख लगा हुआ ही है फिर भी जीव इन क्षणिक सुख में उलझकर अपना मानव भव हार जाता है लेकिन संयम से वह भव सफल कर लेता है। पूज्याश्री ने कहा कि आज तो जीव जन्म को उत्सव मनाते है उन्हें यह दुःखरुप लगता ही नही है फिर रोग की बात करें तो आज प्रतिदिन नए रोग पैदा हो रहे है जिनसे जीव त्रस्त है। शारिरिक दुःख के साथ मानसिक दुःख भी जीव को लगे हुए है जिसका एहसास भी उसे हो रहा है। यदि थोड़ा चिंतन करें तो हमें लगेगा कि जीव जिन भोग उपभोग की वस्तुओं के पीछे भाग रहा है वे भी क्षणिक है अध्रुव अनित्य व अशाश्वत है। जैसे कि धन छाया के समान है कभी स्थिर नही रहता इसलिए उसे दौलत याने जिसकी दो आदत आना-जाना कभी खुशी कभी गम दे जाना ही कहा है वैसे ही घर भी सदा अपना नही रहता उसे भी आयुष्य की तरह एक दिन अनिच्छा से छोड़ना ही पड़ता है इसलिए समय रहते संयम के द्वारा आते हुए कर्मों को रोककर तप द्वारा रहे हुए कर्मों को क्षय करने से ही जीव शाश्वत सुख को प्राप्त कर लेता है। सभा में तपस्वी के गुण अनुमोदना करते हुए पूज्या श्री दीप्तिजी महासती ने आओ भाई महिमा गाये मिलकर के तपस्वी गुणवान की स्तवन के माध्यम से तप अनुमोदना कर उनका हौसला बढ़ाया। संघ सभा की जानकारी देते हुए संघ अध्यक्ष भरत भंसाली व प्रवक्ता पवन नाहर मण्डल अध्यक्ष रवि लोढ़ा ने बताया की धर्म सभा में श्रमण संघ के द्वितीय पट्टधर आचार्य प्रवर पूज्य श्री आनंदऋषिजी म.सा. की जन्मजयंती पर उनके गुणों का स्मरण करते हुए जिन शासन में योगदान के लिए उन्हें याद किया गया। वही धर्मचक्र की आराधना पर आज तपस्वियों ने 5 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किये जिसके सामुहिक पारणें संघ द्वारा स्थानीय महावीर भवन पर करवाये जायेंगें। सभा का संचालन संघ सचिव प्रदीप गादिया ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!