*श्री चिंताहरण बालाजी मंदिर के पुजारी विजय शर्मा के अनुसार*
माली सुसनेर
- *श्री चिंताहरण बालाजी मंदिर के पुजारी विजय शर्मा के अनुसार*
*विजया एकादशी का व्रत रखने से होते हैं सर्व मंत्र*
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को बहुत विशेष माना गया है, जिसे विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह दिन श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है.
एकादशी का दिन हिंदू धर्म के सबसे शुभ दिनों में से एक माना गया है. हर महीने में दो बार एकादशी तिथि आती है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. सभी एकादशी की तरह ही इस दिन भी भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. भगवान विष्णु के भक्त इस व्रत को रखते हैं और उनकी उपासना करते हैं. इस साल विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी 2025 को रखा जाएगा.
*विजया एकादशी व्रत का महत्व*
धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी व्रत करने से बड़ी से बड़ी विपत्तियों से छुटकारा मिल सकता है. विजया एकादशी व्रत के प्रभाव से शत्रुओं को परास्त किया जा सकता है. ऐसी मान्यता है कि विजया एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा से हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है.
विजया एकादशी व्रत रहने से शत्रुओं पर विजय मिलती है, नौकरी और व्यापार में उन्नति मिलती है. साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का आगमन होता है. धर्म ग्रंथों में वर्णित पौराणिक कथाओं के अनुसार, लंका पर जीत हासिल करने से पहले प्रभु श्रीराम ने भी विजया एकादशी का व्रत रखा था.
ऐसा कहा जाता है कि विजया एकादशी व्रत के पुण्य प्रताप से ही भगवान राम ने लंका पर जीत हासिल की थी. इसलिए विजया एकादशी को विजय प्राप्ति दिलाने वाला व्रत माना गया है. विजया एकादशी के व्रत से दुश्मनों और विरोधियों का नाश होता है.
विजया एकादशी व्रत के लाभ
इस व्रत से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है.
इस व्रत से बड़े से बड़े दुखों का नाश होता है.
इस व्रत से सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.
इस व्रत से ब्रह्महत्या जैसे महापाप नष्ट हो जाते हैं.
इस व्रत से जीवन खुशहाल और समृद्ध बनता है.
इस व्रत से घर में सुख-सौभाग्य बना रहता है.
इस व्रत से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.