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*गोसेवा एवं गोरक्षा क्षत्रिय का मूल धर्म है* – स्वामी गोपालानंद सरस्वती

राजेश माली सुसनेर

*गोसेवा एवं गोरक्षा क्षत्रिय का मूल धर्म है* – स्वामी गोपालानंद सरस्वती

सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित “गोवंश रक्षा वर्ष” के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 313 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि क्षत्रिय वही है जिसके शरीर पर गाय माता की रक्षा करते हुए, धर्म रक्षा सेवा करते हुए, बहन बेटी को बचाते हुए लड़ाई झगड़े में पांच पच्चीस निशान हो तो वह राजपूत है। क्षत्रिय का असली मैडल यही है। धर्म ग्रंथों में यही लिखा है। राणा सांगा के शरीर पर पूरे अस्सी घाव थे। वह भी बड़े बड़े घाव थे इसीलिए उन्हें सबसे बड़ा क्षत्रिय माना जाता है। क्षत्रियों की यही डिग्री है।

आपको बुद्धि मिली है, शक्ति मिली है, आपको सामर्थ्य मिला है और आप गौरक्षा नहीं करते है तो महाभारत के अनुसार आपको नर्क जाना पड़ेगा।

गौ माता रखने के दो-तीन उद्देश्य है पहला उद्देश्य दर्शन, दूसरा उद्देश्य सेवा, तीसरा उद्देश्य दूध। दूध को कभी बेचे नहीं। अतिथियों को पिलाएं, बच्चों को पिलाए ओर फिर भी यदि दूध बच जाए तो उसे गर्म करके दही जमाएं और फिर उस दही को मथ कर घी बनाये। हर घर में पूजा पाठ इत्यादि के लिए घी की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए पूजा पाठ हवन आदि में गौमाता के घी का उपयोग करे यदि फिर भी बच जाए तो उसका विक्रय कर सकते है।

*श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर के पंच दिवस पर प्रशिक्षणार्थियों ने स्वयं एक एक गोष्ठ की जिम्मेदारी लेकर ग्वालों से विधिवत गौसेवा कार्य करने का प्रशिक्षण लिया*

*313 वे दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 313 वें दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात के डांग जिले चुनर यात्रा
सुबेर डांग जिला के सूबेर से लवकेश पाण्डेय, श्याम राजपुरोहित लोकेश सिंह, हरिसिंह ओर रौशन बाड़ी महिला मंडल ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

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